कहानी मोसाद की जो दुश्मन का घर में घुसकर करती है सफाया, इजरायली खुफिया एजेंसी के कारनामे पढ़ हो जाएंगे हैरान

तेल अवीव: साल भर पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इस्राइल पर हवाई और जमीनी हमले किए थे, जिससे पश्चिम एशिया में अशांति का नया दौर शुरू हुआ। उसके बाद से
4 1 11
Read Time5 Minute, 17 Second

तेल अवीव: साल भर पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इस्राइल पर हवाई और जमीनी हमले किए थे, जिससे पश्चिम एशिया में अशांति का नया दौर शुरू हुआ। उसके बाद से इजरायल गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ अभियान चला रहा है। हाल ही में उसने हिज्बुल्लाह चीफ की हत्या की। इसके बाद इस युद्ध में ईरान के सीधे कूदने का डर पैदा हो गया है। इस बीच, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की पेजर बम की नई कारगुजारी की चर्चा ने भी काफी जोर पकड़ा हुआ है।

पेजर धमाकों से दिखाई ताकत

मोसाद ने पेजर बमों के जरिये लेबनान में ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के लड़ाकों को निशाना बनाया। इससे दुनिया दंग रह गई और इस घटना ने सुरक्षा को लेकर एक नई चुनौती खड़ी की है। पेजर बम की घटना के बाद यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि क्या मोबाइल फोन में भी इस तरह के धमाके किए जा सकते हैं? खैर, पेजर बम धमाकों से मोसाद के कामकाज के तरीकों के बारे में लोगों की दिलचस्पी एक बार फिर से बढ़ गई है।

रोनेन बर्गमैन (Ronen Bergman) की किताब Rise and Kill First: The Secret History of Israel’s Targeted Assassinations इजरायली खुफिया एजेंसी को समझने में बेहद मददगार हो सकती है। इस किताब को प्रामाणिक माना जाता है। इसे लिखा भी खूबसूरत अंदाज में गया है। साथ ही, 1949 में खुफिया एजेंसी की स्थापना के बाद स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर्स के खिलाफ इसकी कार्रवाई के बारे में किताब में दिलचस्प जानकारी दी गई है।

सीरिया टॉप लीडरशिप में मोसाद की एंट्री

इजरायली इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट रोनेन बर्गमैन ने मोसाद के द्वारा की गई हत्याओं के बारे में तो बताया ही है, लेकिन इसके साथ उन्होंने खुफिया एजेंसी के दूसरे अभियानों के बारे में भी जानकारी दी है। इसमें मोसाद के जासूस ईलाइ कोहेन (Eli Cohen) की कहानी भी है। वह इजरायल के एक और दुश्मन देश सीरिया के पॉलिटिकल सर्कल में जगह बनाने में कामयाब हो गए थे। लेकिन बाद में पकड़े गए और दमस्कस के सेंट्रल स्क्वेयर पर उन्हें फांसी दे दी गई।

रोनेन बर्गमैन ने इस पूरे वाकये के बारे में अपनी किताब में तफसील से जानकारी दी है। यही नहीं, उन्होंने मोसाद की ओर से जो हत्याएं की गईं, उनके बारे में भी बताया है। इससे रीडर्स को एजेंसी के कामकाज की शैली के साथ यह भी पता चलता है कि उसने कोई कदम क्यों उठाया। रोनेन बर्गमैन ने किताब में 1979 में अली सलामे की मोसाद की ओर से की गई हत्या के बारे में भी लिखा है। अली पैलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) का ऑपरेटिव था।

रोनेन बर्गमैन लिखते हैं कि पहले मोसाद ने सोचा कि अली के टूथपेस्ट या आफ्टरशेव में जहर डालकर उसकी हत्या की जाए, लेकिन फिर उसने यह प्लान बदल दिया। अली जब बेरूत की सड़कों पर निकला हुआ था, तब धमाका कर मोसाद ने उसकी हत्या की। मोसाद के इस हमले में अली के कई बॉडीगार्ड भी मारे गए।

महिला एजेंट को जिम्मेदारी

इजरायली खुफिया एजेंसी ने अली की हत्या करने के लिए जो जाल बुना, वह भी कोई कम दिलचस्प नहीं। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी खुफिया एजेंसी ने एक फीमेल एजेंट को दी। उस एजेंट का नाम था एरिका चैंबर्स। वह इंग्लैंड में रहती थी। उसे मोसाद ने 1973 में रिक्रूट किया था, तब वह इंग्लैंड से हाइड्रोलॉजी में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए इस्राइल आई थीं।


अगर यह सब पढ़कर आपको लग रहा है कि रोनेन बर्गमैन ने किताब में मोसाद की प्रशंसा की है तो आप गलत समझ रहे हैं। उन्होंने इजरायल सरकार के कई कदमों के नैतिक और राजनीतिक परिणामों की भी चर्चा की है। उन्होंने लिखा है कि कई बार इजरायली खुफिया एजेंसी ने नतीजों की परवाह किए बिना ऑपरेशंस को अंजाम दिया, जिसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। उनकी किताब पढ़कर यह भी समझ में आता है कि इजरायली खुफिया इस्टैब्लिशमेंट में ऐसे ऑपरेशंस पर सर्वसम्मति नहीं होती थी। खासतौर पर मोसाद ने जो हत्याएं कीं, उन्हें लेकर राय बंटी हुई थी।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे सबसे पहले, पढ़ें कब-कहां और कैसे देखें?

डिजिटल डेस्क, पंचकूला। Haryana Election Result 2024: हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान खत्म हुआ जिसके बाद प्रदेश के लिए एग्जिट पोल जारी हुए। सर्वे के अनुसार कांग्रेस के बहुमत के साथ आने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन एग्जिट पोल कितने सटीक बैठेंगे। इ

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now